Success Story

चाय की दुकान पर काम करने वाले ने कैसे बनाई करोड़ों की कंपनी ? Prem Ganapathy Owner Of Dosa Plaza Success Story in Hindi

Prem Ganapathy Owner Of Dosa Plaza Success Story

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका एक बार फिर हमारे ब्लॉग  Saphalzindagi.com में आज हम बात करेंगे Prem Ganapathy Ji के बारे में जिसने एक छोटी सी चाय की टपरी पर बर्तन मांजने के काम से लेकर के कई छोटे बड़े काम किए हैं,

और फिर कैसे Dosa Plaza की शुरुआत करके उसे बुलंदियों तक पहुंचाने तक का सफर हम आपके साथ तय करेंगे, आखिर कैसे Dosa Plaza लोगों की पसंदीदा Choice बनी और Prem Ganapathy Ji कैसे आसमान की बुलंदियों तक पहुंच पाए चलिए तो, शुरू करते हैं…

Prem Ganapathy Founder Of Dosa Plaza Success Story in Hindi.

Prem Ganapathy Ji का प्रारंभिक जीवन परिचय।

ये कहानी शुरू होती है नगरपुरम तमिलनाडु से  इनके पिता एक किसान थे, वह इतने पैसे नहीं कमा पाते थे, कि इनकी सारी जरूरतें पूरी हो जाए,

अपनी छोटी उम्र में ही एक दुकान पर काम पर लग गए, ये नय बिचारों के थे, वहां काम करते हुए इन्हें एक आदमी मिला जोकि मुंबई से आया था और Prem Ganapathy Ji ने सोचा कि क्यों ना मैं भी मुंबई चला जाऊं एक छोटी सी उम्र में बड़े बड़े ख्वाब बड़े-बड़े सपने देखने की चाहत  इन्हे Mumbai तक ले गई,

उससे बात करके Prem Ji उनके साथ चले तो गई, इन्होंने बहुत सारे सपने देखे थे कि मैं वहां जाकर ए करूंगा वह करूंगा पर वहां पहुंच कर  इनके सारे सपने बिखर कर टूट गए,

उस लड़के ने काम दिलाने की वजह इन्हे रेलवे स्टेशन पर ही छोड़ दिया, Prem Ganapathy Ji ने उस लड़के को बहुत ढूंढा पर ढूंढते ढूंढते थक गया एक छोटा लड़का था तो रोने लगा, ओर वंहा इन्हे हिंदी बोलना भी ठीक से नहीं आता था  इनकी उम्र महज 16 साल थी पर इन्हें रोता देख इन्हें एक भला आदमी मिला जिसने इन की बात को सुना,

उस भले इंसान को यह जानकर बहुत दुख हुआ तो उस भले इंसान ने Prem Ganapathy Ji की मदद करने की सोची और Prem Ji के लिए वापस जाने का बंदोबस्त करने के लिए कह दिया, पर फिर Prem Ji ने सोचा की मैं यहां पर काम करने के लिए आया था पर मैं एक मुश्किल से डर नहीं सकता मुझे आगे बढ़ना है,

व्यक्ति की एक बड़ी सोच ही मायने रखती है उसे सफल बनाने के लिए…!

एक अच्छी सोच ने कैसे Prem Ganapathy Ji को सफ़ल व्यक्ति बनाया जानिए ।

और उन्होंने वापस जाने के विचार को छोड़ दिया और उस आदमी को मना कर दिया कि धन्यवाद आपने मेरी मदद करने की सोची पर मैं अब वापस नहीं जाना चाहता और वह उसी रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान पर बर्तन धोने का काम करने लगे,

जिससे इनके पेट का खर्च निकल आता था, चाय की दुकान पर काम करते करते इन्हें एक और होटल में वेटर का काम मिल गया यह अपना काम बखूबी से करना जानते थे और यह लोगों को इतने अच्छे से खाना सर्व किया करते थे कि इन्हे लोग बार-बार याद किया करते थे,

जिस वक्त यह वहां नहीं रहते थे तो लोग इन्हें खोजते रहते थे और आधे से ज्यादा होटल इनकी ही Service से चलता था, जिससे Hotel का Owner भी इनसे खुश रहा करता था,

इनकी Service से एक व्यक्ति इन पर खुश हो गया और Partnership में काम करने को बोला इन्होने कहा चलो ए भी कर लेते हैं और ये उस व्यक्ति के साथ काम करने लगे जब काम अच्छे से चलने लगा और जैसे ही ज्यादा फायदा होने लगा उनके पार्टनर को लालच आ गया और उसने सोचा कि मैं ऐसे आधा हिस्सा क्यों दूं और इन्हें अपने व्यापार से बाहर कर दिया ए फिर वही आ गए। 

Dosa Plaza की शुरूआत कैसे हुई ?

Prem Ganapathy Ji ने सोचा कि मुझ में इतना Talent तो है कि मैं कोई भी काम कर सकता हूं, और मुझे कुछ नया और बड़ा करना चाहिए और ऐसी सोच के साथ ही आगे बढ़े और वहीं Mumbai में इटली डोसा का ठेला खोल लिया इनकी स्वादिष्ट खाने का टेस्ट  ही कुछ अलग रहता था जो लोगों को बहुत पसंद आया करता था और फिर इनकी Service भी कमाल की थी,

पर इन्हें फिर मुंशी पार्टी वाले परेशान करने लगे  फिर इन्होंने सोचा कि क्यों ना मैं एक दुकान खोलो और फिर इन्होंने अपना रेस्टोरेंट डाल दिया अपने पहले रेस्टोरेंट का नाम Prem Ganapathy Restaurant रखा था और वह जोरों शोरों से चलने लगा पैसे भी अच्छे खासे आने लगे और Prem Ganapathy Ji की मेहनत भी रंग लाने लगी थी। 

उनका खाना लोग खूब पसंद करने लगे थे, तो फिर इन्होंने आगे का सोचा कि मुझे इसमें और क्या बदलाव करूं क्या नया करूं जिससे लोग और भी ज्यादा पसंद कर करने लगे तो इन्होंने अपने Dose में ढोसा चाऊमीन, ढोसा पनीर, ढोसा छोले, आदि और अपने अलग अंदाज और अलग ही Experiments से लोग इन्हे ओर भी ज्यादा पसंद करने लगे,

फिर एक व्यक्ति ने इनसे कह दिया कि एक Mall Open हो रहा है वहां पर अगर तुम अपना Restaurant डाल दोगे तो तुम्हें और फायदा होगा उस समय ये Restaurant चला तो रहे थे पर इस Restaurant को मॉल में शिफ्ट करना इनके लिए भारी कदम था, वहां पर भी उन्होंने अपना नाम बना लिया और वहां पर भी यह छा गए हालांकि इन्होने रिस्क लिया पर अगर वह यह रिस्क को लेते नहीं तो आगे बढ़ भी नहीं पाते। 

Dosa Plaza की पूर्ण सफलता ।

इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा इन्होंने लोगों अपने फ्रेंचाइजी (Franchise) पर भी काफी ध्यान दिया और अपने बिजनेस को पूरी तरह समझ कर इन्होंने अपने व्यापार को आगे बढ़ाया और देखते ही देखते करोड़ों की कंपनी कर दी, इन्होंने 5 साल में ऐसा जादू कर दिया कि व्यापार में Investor की लाइन लग गई। 

इनका व्यापार देश विदेशों में भी तेजी से फैल गया  एक वह लड़का जिसके पास अपने खाने के लिए पैसे भी नहीं थे जो घर भी नहीं जा सकता था एक लाचार लड़का करोड़ों की कंपनी का मालिक बन गया,

मंजिल का रास्ता ऐसे ही आसान नहीं होता है इसे रोड के गड्ढे रास्ते में झटके दे देते हैं पर उनसे डर कर रुक जाना आदत नहीं थी इनकी और ऐसा ही कर दिखाया Prem Ganapathy ji ने चलिए तो यह कहानी यही तक है, चलिए तो जय हिंद वंदे मातरम,

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Note: आपको Prem Ganapathy/Dosa Plaza Success Story के बारे में पढ़कर अच्छा लगा हो तो कमेंट में जरूर बताते जाना। 

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