Success Story

एक छोटे से कमरे से शुरू हुई कंपनी जो आज हज़ारों लोगों को रोजगार प्रदान कर रही है – Success Story of Sanjeev Bikhchandani’s Naukri.com in Hindi.

Naukri.com Success Story  in Hindi.

आज हम बात करेंगे एक ऐसे Naukri Portal की जिसने पूरी दुनिया में धूम मचा रखी है, और कोई भी नौकरी करना चाहता है तो वह Naukri Portal का एक बार इस्तेमाल जरूर करता है, तो हम ऐसे ही एक Naukri Portal के बारे में आज के लेख में बताएँगे जिसका नाम Naukri.com है

Naukri.com के मालिक Sanjeev Bikhchandani की Success Story और Naukri.com की स्थापना कैसे हुई और यह कैसे बुलंदी की सीढ़ी तक पहुंची और एक छोटे से कमरे से शुरू हुई कंपनी जो आज हज़ारों लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं आज हम इसी के बारे में बात करेंगे और naukri.com की सफलता की कहानी का सफर आपके साथ, चलिए तो…

Sanjeev Bikhchandani

Naukri.com Success Story in Hindi – Naukri.com की सफलता की कहानी।

Sanjeev Ji का प्रारंभिक जीवन कैसा रहा ?

Sanjeev Ji  का प्रारंभिक जीवन – यह कहानी शुरू होती है 1964 से जब Sanjeev Bikhchandani का जन्म हुआ था, इनका जन्म दिल्ली में हुआ था और इनके पिता सरकारी Doctor थे और इनकी मां Housewife थी,

इन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई St. Columba’s School से की थी और यह दिल्ली में है, Indian Institute of Management Ahemdabad में इन्हें Admission मिल गया था पर इन्होंने सोचा कि उन्हें IIT की पढ़ाई करने में 5 साल लग जाएंगे तो,

Sanjeev Ji ने St. Stephen College में Admission ले लिया लोग इन्हें बेवकूफ, इडियट भी कहने लगे थे, क्योंकि IIT जैसे इतने बड़े Exam को qualifier करके और उसकी पढ़ाई ना करना यह बेवकूफी ही है, और पागलों ने ही दुनिया को बदला है, समझदार लोग तो सोचते ही रहते हैं, पर इन्होंने तो सोच रखा था, कि मुझे एक अपनी खुद की बड़ी कंपनी खड़ी करनी है। 

और इसी के लिए यह दिन रात मेहनत किया करते थे, अपने नए नए प्लान बनाया करते थे, नए-नए तरीको को खोजा करते थे, कि कैसे मैं अपनी खुद की कंपनी बनाऊं उसके बारे में इन्होंने पूरी Knowledge ले रखी थी, और एक अच्छे ज्ञान के साथ अपने जीवन में आगे बढ़े। 

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3 साल कॉलेज से B.A. की पढ़ाई करने के बाद और उसी के साथ साथ यह अपनी कंपनी के लिए Research भी कर रहे थे और नई नई चीजों को सीखते रहे हैं फिर Indian Institute of Technology (IIT) में Admission ले कर एक Glaxo-Smithkline में उनका सिलेक्शन हो गया पर उस कंपनी से जॉब छोड़ने के बाद। 

और फिर Graduaion की पढ़ाई के आखिरी साल में इन्होंने Hindustaan MilkFood Manufacturers Company में काम करते वक्त ही इन्होंने IIM में पढ़ने वाली एक लड़की सुरभि से इन्होंने शादी की पर फिर इन्होंने बिजनेस की दुनिया में कदम रखना चाहा और तो और उनके इस कदम में उनकी पत्नी भी उनके साथ थी।

Business जगत पर Sanjeev Ji का पहला कदम…

उस वक्त उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी, तो इनके घर के खर्चा इनकी पत्नी चलाया करती थी और एक नई सोच के साथ यह बिजनेस में उतर आए और 1990 में उस वक्त इन्होंने Indmark यह कंपनी Trademark का काम किया करती थीं,

और Info Edge नाम की कंपनी जो की एक Entry level Salary Surveys का काम किया करती थी अपने दोस्त के साथ मिलकर शुरू की, यह कंपनी की शुरुआत उन्होंने अपने ही घर से की थी, लेकिन यह कंपनी उनके अनुसार नहीं चली और 3 साल इस कंपनी को चलाते-चलाते इससे ज्यादा कुछ फायदा नजर नहीं आया, तो कंपनी का बटवारा हो गया और दोनों के हिस्से में एक-एक कंपनी आ गई,

इनके दिन तो इतने बुरे आ गए थे कि अपने छोटे-छोटे कार्य करके यह अपना गुजरा किया करते थे, यह Institute में Coaching देने लगे थे और फिर ये द्वारा से नौकरी करने लगे एक Consulting Editor के रूप में 1 साल काम किया,

फिर एक Asia Exhibition में ये गए थे वहां से इन्हे Internet के बारे में पता चला और इन्होंने Internet के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर ली और उसका काम करने का तरीका भी अच्छे से जान लिया, और यह भी उन्हें अच्छे से पता चल गया,

कि भविष्य में Internet कितने रंग रूप से लोगों के सामने आने वाला है, फिर इन्होंने देखा कि लोग Job  के लिए पेपर मैं इस्थहार दिया करते थे, तो लोगो को परेशानी उठानी पड़ती थी, उस समय एक मात्र यही जरिया था नौकरी खोजने का। 

Naukri.com की प्रारंभिक शुरुआत।

वहीं से इन्होंने सोचा कि क्यों ना मैं खुद की एक अपनी कंपनी शुरू करू और फिर इन्होंने naukri.com की शुरुआत की लेकिन वेबसाइट बनाना उस समय इतना आसान नहीं था तो इन्होंने अनेक परेशानियों का सामना करते हुए उन्होंने कंपनी का कुछ हिस्सा हिस्सेदारी पर देकर naukri.com की वेबसाइट बनवाई,

फिर 1997 के आसपास इन्होंने 1000 नौकरियों से भी ज्यादा के साथ naukri.com मार्केट में Launch किया, नौकरी का सवाल रहता था तो किसी भी एक व्यक्ति को पता चलता था तो वह इसका पूरे में ढिंढोरा पीट दिया करता था, इससे उनका Promotion बड़ी ही आसानी से हो जाया करता था और naukri.com से लोगों को आसानी से नौकरी मिलने से लोग भी बड़े ही खुश रहा करते थे। 

और इसका तहे दिल से Advertise किया करते थे जिससे ए naukri.com आगे बढ़ता गया हालांकि भारत में Internet बड़ी ही देर बाद आया तो इससे लोगों को थोड़ा कम पता चला इस naukri.com के बारे में, पर उनकी वेबसाइट पर जितना Traffic आ रहा था उनके लिए उतना Traffic काफी था,

वह धीरे-धीरे करके आगे बढ़ते जा रहे थे, इस कंपनी ने 2 साल मेहनत करके इस कंपनी को ₹18,00,000 तक पहुंचा दिया था, फिर Sanjeev Ji को लगा कि हां यह कंपनी आगे बढ़ने लायक है, लोग इसे भविष्य में ज्यादा पसंद करेंगे तो इन्होंने उस कंपनी में अपनी पूरी मेहनत लगन के साथ काम करके उसको आगे बढ़ाने का ठान लिया और कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा,

और नई नई strategy और Skills के जरिए आगे बढ़े और सन 2000 पार करते-करते इनकी कंपनी एक करोड़ से भी ज्यादा की हो गई थी, और 2003 तक यह 25 करोड़ पार कर गई और फिर 2005 में इन्होंने आईपीओ Registration के लिए Apply किया और 2006 में naukri.com इंडिया की पहली IPO (.com) कंपनी बन गई। 

Sanjeev Bikhchandani का व्यापार फैलाब।

इन्होंने Jeevansathi.com जैसी Naukrigulf.com, 99acres.com, Meritnation.com, Brijj.com, shiksha.com जैसी कई कंपनी शुरू की और Zomato, policybazaar.com जैसी कई बड़ी कंपनी में Sanjeev Ji की बड़ी Investment हैं,

और आज के समय में संजीव की कंपनी का Turnover ₹900 करोड़ के पार हो चुका है, और यही तक थी naukri.com की सफलता आज naukri.com के Office 50 से ज्यादा शहरों में और 5000 के लगभग कर्मचारी उनकी कंपनी में काम करते हैं, Sanjeev Ji ने कभी हार ना मानी और कंपनी को एक अच्छे मुकाम तक पहुंचाया सफलता इन्हें 1 दिन में तो नहीं मिली पर एक-एक दिन की जो इन्होंने मेहनत की उन्हें सफलता मिली। 

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आज Sanjeev Ji की कुल संपत्ति $260 करोड US Dollars है, और Sanjeev Ji लोगों के लिए एक प्रेरणा के रूप में सामने आए कि हमें किसी भी हालातों में हारना नहीं चाहिए जब इनकी कंपनी का बंटवारा हुआ था ये उसी वक्त अगर हार मान के बैठ जाते हैं, या किसी एक ही कंपनी में लगातार Job  करते रहते,

तो इतनी बड़ी Job Portal  बनती ही नहीं पर इन्होंने किसी की ना मानते हुए नौकरी करने का फैसला तोड़ते हुए इन्होंने इसकी शुरुआत की और आज ये सफल कंपनियों में से एक है, चलिए तो यह कहानी यहीं तक,

जल्दी गलती करना हमेशा हमारे लिए ही फायदेमंद होता है, ऐसा कहना है Sanjeev Ji का,

Interesting Facts:

  • Sanjeev Ji अशोका यूनिवर्सिटी के Co-founder हैं,
  • अप्रैल 2000 में ICICI ने 45 लाख की naukri.com में इन्वेस्टमेंट की थी,
  • Sanjeev Ji को पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था,
  • इन्हे Forth Highest सिविलयन अवॉर्ड भी मिल चुका है,
  • Sanjeev Ji ने 1997 में Anil को 7% की हिस्सेदारी दी थी, तब जाकर naukri.com की वेबसाइट बनकर तैयार हुई थी,
  • Sanjeev Ji ने अपनी कंपनी naukri.com से पहले साल में ही ₹२.५  लाख की Earning कर ली थी,

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Note: आपको Naukri.com की Success Story और Sanjeev Bikhchandani जी के बारे में पढ़कर कैसा लगा Comment में जरूर बताएं।

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