OLA Cabs Founder Success Story in Hindi
आज हम बात करेंगे भावेश अग्रवाल जी के बारे में, जो कि OLA Cabs के Founder है, आज के समय में OLA Cabs को तो हर कोई जानता होगा, और आप शायद OLA Cabs का इस्तेमाल भी करते होंगे, क्योंकि OLA Cabs ने हमारी Journey को आसान बना दिया है, आसानी से जहां चाहे वहां घुमा देती है, बिना किसी हमारे समय बर्बाद के, तो इसकी सफलता की कहानी को बताना तो बनता है।
इस लड़के ने ना सिर्फ खुद का सपना पूरा किया, बल्कि करोड़ों लोगों की बड़ी समस्या को भी दूर किया, ये भावेश अग्रवाल जी ने Microsoft की नौकरी छोड़कर,
इन्होने OLA Cabs की शुरुआत की थी और ये कैसे की थी? ये बताएंगे चलिए तो आज हम OLA Cabs के Founder भावेश अग्रवाल जी के बारे में विस्तार जानेंगे।
यह कहानी शुरू होती है 28 अगस्त 1985 से जब भावेश अग्रवाल जी का जन्म हुआ था, इनका जन्म पंजाब के लुधियाना शहर में हुआ था, इनके पिता का नाम नरेश कुमार अग्रवाल जी है, जो कि एक जाने-माने डॉक्टर है, और इनकी माता का नाम उषा अग्रवाल है, जो कि एक Ladies Organization की president रह चुकी हैं, यह जन्म से ही कुछ ना कुछ नया सीखते रहा करते थे,
Bhavish Agarwal Ji शुरू से ही पढ़ाई लिखाई में काफी अच्छे रहे, भावेश अग्रवाल जी ने सन् 2008 में “Indian Institute of Technology”, Bombay से कंप्यूटर साइंस में (B.Tech) इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की, और फिर “Microsoft India” में जॉब करने लगे, कुछ समय तक जॉब करने के बाद इन्होने सोचा की मैं एक जॉब कभी भी कर सकता हूं, पर मुझे अपना Startup बनाना है, और यही सही समय है,
अपना खुद का Startup बनाने के लिए, यह तो शुरू से ही बिजनेस करना चाहते थे, एक Entrepreneurs बनना चाहते थे,
भाविश जी कुछ समस्या के कारण कुछ बड़ा कर नहीं पा रहे थे, हालांकि फिर इन्होंने olatrip.com की शुरुआत की पर कोई भी खास इन्हें फायदा होते देखा नहीं, ये एक Travel Agency थी जिसमें Travel Agent के रूप में भावेश जी काम किया करते थे, इनके Family और Relative इन्हें पागल समझते रहे, पर उन्हें पता नही था की उसके पीछे इतना बड़ा Idea है, और इतनी मेहनत चल रही है,
एक बार की बात है जब भावेश जी बेंगलुरु से बांदीपुर जा रहे थे, तो उन्होंने जो टैक्सी की हुई थी, उस टैक्सी के ड्राइवर ने बीच जंगल मैं गाड़ी को रोककर उनसे ज्यादा पैसे की मांग करने लगे, जो मूल्य टैक्सी के लिए तय किया गया था, वह ड्राइवर उससे भी ज्यादा पैसे मांगने लगे और उनके बेकार और बुरे व्यवहार से उनके बोलने का तरीका भी भावेश जी को जरा भी पसंद नहीं आया।
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जिसकी वजह से वह रास्ते में ही उतर गए और वहां से कुछ वक्त तो पैदल चले और फिर एक बस आते हुई देखी तो बस में बैठ गए, पर उस बस में जाते वक्त भावेश अग्रवाल जी को ड्राइवर के किए व्यवहार और बोलने के तरीके की बात ही अंदर ही अंदर से परेशान किए जा रहे थे, उन्होंने वहां जाकर शांति से सोचा, और सोचा कि इन जैसे टैक्सी वाले बहुत होंगे।
मैं कैसे लोगों की समस्या को ठीक कर सकता हूं, कैसे समाज में इनके खिलाफ एक नया काम कर सकता हूं।
Bhavish Agarwal Ji अपने दोस्त Ankit Bhaati Ji भी इन्हीं के साथ “Indian Institute of Technology” से B tech में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की रखी थी,
अंकित जी के साथ मिलकर सन् 2010 में ola.com की शुरुआत की, और यह शुरूआत उनके लिए भी आसान नहीं थी, क्योंकि एक बड़ा व्यापार करने के लिए बड़ी राशि लगती है, जो उनके पास उस वक्त नहीं थी, और उनकी बेहतरीन अंदाज और लोगों के प्रति अच्छी भावना और उनकी अच्छी Service लोगों को बहुत पसंद आया करती थी, और जो एक बार OLA Cabs का इस्तेमाल किया करते थे,
वह दोबारा से OLA Cabs को ही चुना करते थे, लोगों को इतनी पसंद आने लगी थी OLA Cabs इनकी OLA Cabs लोग शुरू से ही पसंद करने लगे थे, धीरे धीरे इन्हे Funding मिली और ये निकल पढ़े फिर कभी इन्होंने पीछे मुड़कर नही देखा, यही तक थी OLA Cabs की Success Journey Story,
आपने इसे पढ़ने के लिए अपना बहुमुल्य समय दिया इसके लिए धन्यवाद…
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